“पिरामिड”
वो
वहाँ
तत्पर
बे-खबर
प्रतीक्षारत
मन से आहत
प्यार की चाहत
आप यहीं बैठे हैं॥-1
है
वहाँ
उद्यत
आतुरता
सहृदयिता
नैन चंचलता
विकल व्याकुलता-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
वो
वहाँ
तत्पर
बे-खबर
प्रतीक्षारत
मन से आहत
प्यार की चाहत
आप यहीं बैठे हैं॥-1
है
वहाँ
उद्यत
आतुरता
सहृदयिता
नैन चंचलता
विकल व्याकुलता-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी