गीत – नशा छाया
छटपटाते बादलों ने गीत गाया ,
दिल में जो दुखड़ा छुपा था ,
कह सुनाया !!
दामिनी दमकी अदा से खो गयी ,
यादों में गुमसुम मौसम ,
नज़र आया !!
बरखा ने सुनी दस्तक हौले हौले ,
बेवफा सावन कहीं ,
मुस्कराया !!
पछुआ हवाओं ने कोई ,
खींचा था आँचल ,
सरसराया !!
मस्त घटा गुनगुनाती छा गई ,
और बरसी तो कहीं ,
मन भींग आया !!
धरती अम्बर भीगे भीगे ,
कह सुन रहे कुछ ,
नशा छाया !!