उम्रभर
उनकी सादगी की मशाल,जलती रहेगी उम्रभर,
खुशी बस इतनी मुझे रोशन रखेगी उम्रभर।
वो इतना निष्ठुर नहीं था,फिर क्या बात हुई,
उनके इसी सोच की,सोच रहेगी उम्रभर।
छोटी सी भूल की इतनी बड़ी सजा है क्या,
कि इक जिन्दगी इक जिन्दगी से जुदा रहेगी उम्रभर।
अब तलक जो हमसफर थे हरहाल में हर घड़ी,
आज से अब हर कहानी जुदा रहेगी उम्रभर।
अब तलक जिस बाग की आबो-हवा गुलजार थी,
आज से न अब कभी रौनक रहेगी उम्रभर।
कितने खुश्नुमा पल खो गये वक्त के आगोश में,
बीती हुई यादें सताती रहेंगी उम्रभर।
अब रोयें भी तो किसके पहलू में जाकर ‘अयुज’,
बे आसरा ये बेबसी रोती रहेगी उम्रभर।