लघुकथा

लघुकथा- शार्टकट

छात्रों को तन्मयता से पढ़ाते हुए दिनेश को मालूम ही नहीं पड़ा कि उसके वरिष्ठ शिक्षक दीनदयाल जी कब आ गए .चौंककर उसने कहा, “आइए गुरुजी. बैठिए. कोर्स बहुत ज्यादा है इसलिए जल्दी-जल्दी पढ़ाना पड़ता है ध्यान लगाकर.”

“कोई बात नहीं, पढ़ाइए.” उन्होंने कहा और बच्चों को बैठने का इशारा करते हुए पुनः दिनेश से बोले, ” ऐसा क्यों नहीं करते हो कि सबसे कुंजी मंगवा लो . फिर उसी से बच्चे लिख लिया करेंगे. उनको याद करने में सहूलियत भी रहेगी और आपको …”

“वह तो ठीक है लेकिन ये क्या सीख पाएंगे?” दिनेश ने हिम्मत कीं. आखिर वह उसके बुजुर्ग और वरिष्ठ थे.

” अरे भाई ! तुम ही लोग कहते हो शॉर्टकट से चलना चाहिए”, आगे के शब्द दिनेश को सुनाई नहीं दिए. सामने चरती भेड़े उस की निगाहों में घूमने लगी.

ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’

*ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"

नाम- ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जन्म- 26 जनवरी’ 1965 पेशा- सहायक शिक्षक शौक- अध्ययन, अध्यापन एवं लेखन लेखनविधा- मुख्यतः लेख, बालकहानी एवं कविता के साथ-साथ लघुकथाएं. शिक्षा-बीए ( तीन बार), एमए (हिन्दी, अर्थशास्त्र, राजनीति, समाजशास्त्र, इतिहास) पत्रकारिता, लेखरचना, कहानीकला, कंप्युटर आदि में डिप्लोमा. समावेशित शिक्षा पाठ्यक्रम में 74 प्रतिशत अंक के साथ अपने बैच में प्रथम. रचना प्रकाशन- सरिता, मुक्ता, चंपक, नंदन, बालभारती, गृहशोभा, मेरी सहेली, गृहलक्ष्मी, जाह्नवी, नईदुनिया, राजस्थान पत्रिका, चैथासंसार, शुभतारिका सहित अनेक पत्रपत्रिकाआंे में रचनाएं प्रकाशित. विशेष लेखन- चंपक में बालकहानी व सरससलिस सहित अन्य पत्रिकाओं में सेक्स लेख. प्रकाशन- लेखकोपयोगी सूत्र एवं 100 पत्रपत्रिकाओं का द्वितीय संस्करण प्रकाशनाधीन, लघुत्तम संग्रह, दादाजी औ’ दादाजी, प्रकाशन का सुगम मार्गः फीचर सेवा आदि का लेखन. पुरस्कार- साहित्यिक मधुशाला द्वारा हाइकु, हाइगा व बालकविता में प्रथम (प्रमाणपत्र प्राप्त). मराठी में अनुदित और प्रकाशित पुस्तकें-१- कुंए को बुखार २-आसमानी आफत ३-कांव-कांव का भूत ४- कौन सा रंग अच्छा है ? संपर्क- पोस्ट आॅफिॅस के पास, रतनगढ़, जिला-नीमच (मप्र) संपर्कसूत्र- 09424079675 ई-मेल [email protected]