“मुक्तक”
माँ शारदे को नमन करते हुए समस्त मंच के गुणीजनों को मेरा वंदन अभिनंदन। आप सभी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई।
सौंप दिया माँ-बाप ने, गुरु को अपना लाल।
विनय शारदा मातु से, साधक शिक्षक भाल।
शब्द-शब्द अक्षर प्रखर, ज्ञानी गुरु महान-
नमन शिष्य गौतम करे, चरण कमलवत नाल॥-1
ज्ञान मिला विज्ञान मिला, मिला मान सम्मान।
गूंगे कंठन स्वर मिला, अरु वीणा वरदान।
नमन करूँ हे परम गुरु, माँ शारद अवतार-
ज्ञान चक्षु को खोलना, गौतम सेवक जान॥-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी