कविता

“पिरामिड”

रे

हवा

बदरी

आसमान

साँझ विहान

पावस रुझान

घटता तापमान॥-1

री

बाढ़

निगोरी

भीगी ओरी

रूप अघोरी

पागल बदरी

गिरा गई बखरी॥-2

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ