कविता

कविता – तुम रुलाते बहुत हो!!

तुम रूलाते बहुत हो !!

अब भी मेरी नजरो मे,आते बहुत हो ।
हे श्याम हमको,तुम रूलाते बहुत हो।।

धूप मे परछाई सा,रात मे कोई छाई सा ।
सागर मे गहराई सा,तुम रूलाते बहुत हो।।

रात को सोने मे,हाथ से मुँह धोने मे ।
हाथ की हथेली मे,तुमआते बहुत हो।।

राह मे आहट बन,तनहाई मे चाहत बन।
गगन मे तारा बन,तुम लुभाते बहुत हो।।

कभी राह चलने मे,आहट से डरने मे।
पैर तले कंकड़ सा,तुम सताते बहुत हो ।।

चाहे मै रसोई रहू,या कि मै सोई रहू ।
आखो मे आँसू बन,आते बहुत हो ।।

बस रूलाते,बहुत हो !!!

हृदय जौनपुरी

हृदय नारायण सिंह

मैं जौनपुर जिले से गाँव सरसौड़ा का रहवासी हूँ,मेरी शिक्षा बी ,ए, तिलकधारी का का लेख जौनपुर से हुई है,विगत् 32 बरसों से मैं मध्यप्रदेश के धार जिले में एक कंपनी में कार्यरत हूँ,वर्तमान में मैं कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हूँ,हमारी कंपनी मध्य प्रदेश की नं-1 कम्पनी है,जो कि मोयरा सीरिया के नाम से प्रसिद्ध है। कविता लेखन मेरा बस शौक है,जो कि मुझे बचपन से ही है, जब मैं क्लास 3-4 मे था तभी से