कविता

स्वतंत्रता दिवस पर कवितायेँ

कविता – १

हिन्दी हमारी भाषा है
यह राष्ट्रगीत की भाषा है
यह राष्ट्र प्रेम की भाषा है

लिखनी हो पाती प्यार भरी
या लोरी सुना.. सुलाना हो
निज मन को भाती है ये
हिन्दी हमारी भाषा है

लिखनी हो कविता वीरों की
या किस्सा कोई सुनाना है
हर मन को भाती है ये
हिन्दी हमारी भाषा है

गर्व हमें है हर पल हम
हिन्दी हिन्दु हिन्दुस्तानी हैं
सरल सबल सुंदर सबसे
ये प्यारी हमारी भाषा है

पंजाबी हो गुजराती हो
मद्रासी या मराठी हो
सबस सीखे हिन्दी पल भर में
यह सरल समझने लायक है
लहजा सबका अपना अपना
हर भाषी की परिभाषा बन
लगती मीठी प्यारी प्यारी
ये हिन्दी हमारी भाषा है

एक सूत्र में बधां देश ये
हिन्दी भाषा की डोर से
भाषाओं के बगीचे का
सबसे सुंदर है फूल यही
हिन्दी हमारी भाषा है
हम सबकी अभिलाषा है ।

कविता -२
वंदन नमन बार – बार
शस्यश्यामल स्वदेश धरा को
भूलें न देश कभी
आजादी के मतवालों को
अपना सर्वस्य निछावर कर
यह पुण्य धरा हमको सौंपी
उस आजादी का सम्मान करें
स्वहित से ऊपर देशहित
दृढ़ता से संकल्प करें
चलो नमन करें उन आजादी
के दीवानों को
ऎसी आज़ाद फिज़ा अनयत्र नहीं
देश की सौंधी मिट्टी लगती माँ सी
नमन करें वंदन करें बार-बार
प्यारी भारत माता को

अनुपमा सोलंकी

 

 

 

अनुपमा सोलंकी

जन्म-१.३.१९६३ जन्म स्थान - ग्वालियर ,मध्य प्रदेश शिक्षा - स्नातकोत्तर इतिहास के. आर .जी .कॉलेज ग्वालियर , मध्य प्रदेश प्रकाशित रचनाएं - लघुकथाएं १ -सुनयना २ -देशप्रेम । नई रोशनी नई पहल साझा संकलन में Email [email protected]