हिन्दू
उद्घोष करो ,ये बोध करो,
तुम अंश,वंस, ईश्वर राम के हो !
जो राम दिए,मेरे श्याम दिए,
ना संभाल सके,किस काम के हो!
त्यागी बनो,सहभागी बनो,
राष्ट्र निर्माण में क्या बस नाम के हो!
यह जन्म हुआ किस अर्थ यहाँ,
यहाँ भारत भूमि में बड़े भाग्य के हो !
ये प्यार की है,संस्कार की है,
यहाँ राम के तुम,तुम श्याम के हो !!
यहाँ नारी सीता -गीता है,
तुम मथुरा और काशी धाम के हो !
— हृदय जौनपुरी