साहित्य संगम संस्थान, दिल्ली का वार्षिकोत्सव सम्पन्न
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कार्यक्रम का शुभारंभ त्रिसत्रीय रहा, जिसमें प्रथम सत्र में विचार संगोष्ठी एवं पुस्तकों व पत्रिकाओं का विमोचन एवं प्रसारण किया गया। जिनमें राजवीर सिंह मंत्र जी की कृति : ऋचा, कैलाश मण्डलोई जी द्वारा रचित कृति : चलती जिंदा लाशें एवं पत्रिका सवेरा, छंदेष्टि, अविचल प्रभा आदि सम्मिलित थीं। जबकि द्वितीय सत्र में सम्मान समारोह का आयोजन हुआ, जिनमें देश के प्रतिष्ठित मनुजों को उनके श्रेष्ठ कार्यो के लिए सम्मानित किया गया, सम्मान समारोह में राकेश राज दीक्षित उर्फ दीक्षित दनकौरी साहब, पंकज कुमार वसंत जी, विकास गुप्ता जी, एवं प्रतिभा गर्ग जी को डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि से नवाजा गया , वहीं सौम्या मिश्रा अनुश्री जी को संगम नूर व सर्वश्रेष्ठ संपादक के सम्मान से नवाजा गया है।
साथ ही सम्मान समारोह में देश के लगभग साठ साहित्यकारों को उनके सर्वश्रेष्ठ कार्यो आदि के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम अपने अंतिम चरण में पहुंचता हुआ , अंतिम सत्र में पहुंचा जिसमें देश के कई हिस्सों से आए हुए रचनाकारों की भाव भंगिमाओं ने चक्रधरपुर वासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। एक शाम अटल जी के नाम आयोजित कवि सम्मेलन में मशहूर शायर हसन काजमी के शेरों पर श्रोतागण झूम उठे और तालियों की गूंज से सारा सदन झूम उठा। वहीं आशीष पाण्डेय जिद्दी, तेजराम नायक, ईश्वर दयाल गोस्वामी, सुनीता लुल्ला , प्रतिभा गर्ग , सरोज सिंह, दीपाली पाण्डेय , कैलाश मण्डलोई कदम्ब , राजवीर सिंह मंत्र, अरुण श्रीवास्तव अर्णव, किशन लाल अग्रवाल, एवं आचार्य भानू प्रताप वेदालंकार का काव्यपाठ को श्रोतागणों अपनी जोरदार तालियों के माध्यम से खूब सराहा।