लघुकथा

कल्याणकारी बाढ

आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी राघवेन्द्र ने मंत्री जी से कहा -“सर! हर साल बाढ आती है, हजारो लोग मारे जाते हैं, देश को अरबों -खरबों का नुकसान होता है, इसका कोई स्थायी निदान क्यों नही निकाला जाता? ”
मंत्री महोदय राघवेंद्र जी को घूरते हुए-“हीं……..,तो है तुम्हारे पास कोई स्थायी निदान?”
राघवेंद्र-“जी सर, ये तो आसान है, आप भी जानते हैं कि भारत में अनेक जगह ऐसे हैं जहाँ पानी का अभाव है मतलब वहाँ की नदियाँ सूखी रहती है, क्यों न सबको जोड़ दिया जाए ताकि जहाँ पानी कम है वहाँ पानी भी मिल जाए और जहाँ ज्यादा है वहाँ बाढ की समस्या भी खत्म हो जाए।”
मंत्री महोदय चश्मा खिसकाते हुए-“इसका खर्चा सोंचे हो?”
राघवेंद्र-“सर खर्चा तो राहत सामग्री आदि मे भी होता है, और हर साल होता है।”
मंत्री महोदय -“तुम ज्यादा पढ़े-लिखे लोगो की यही प्रोब्लम है, छोटी-छोटी बातें तुम्हारे पल्ले पड़ती हीं नही!
सुनो! इससे बहुतो का कल्याण होता है जिसमें तुम जैसे हजारों अफसर है, जिंदो को खाना, अनाज, मरने वालो के परिजनों को मुआवजा आदि।और साथ में हमें हमारा मेहनताना!
क्या जी, बनता है कि नही, कल हीं देखो पूरे चार घंटा मुयायना किये हैं उड़नखटोले से।”
राघवेन्द्र जी हाँ में हाँ मिलाते हुए नजर झूका लिए।
नवीन कुमार साह

नवीन कुमार साह

ग्राम -नरघोघी, पोस्ट -अख्तियारपुर जिला- समस्तीपुर बिहार । मो-9162427455 ईमेल [email protected]