रक्षा बंधन
रक्षा बंधन का पावन पर्व आया है,
बहिना की राखी का स्नेह लाया है |
कच्चे धागों का अटूट बंधन आया है,
हुमायुं-कर्मवती की याद का पर्व आया है |
बहिन की रक्षा के लिए राखी का स्मृण आया है,
आओ प्यारे भैया बहिनों ने फिर तुम्हें बुलाया है |
करके कलाई आगे भाई ने प्रण किया है,
निज फर्ज निभाऊं जैसे हुमायुं निभाया है |
रक्षा बंधन का पावन पर्व आया है,
बहिना की राखी का स्नेह लाया है |
रिस्ता निभाना बाहर भी जैसे घर में निभाया है,
बहिना ने अपने भाई को प्यार से समझाया है |
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा