मेरे राम!!
जब भी संकट पड़ा हिंद पर ,
मुख से निकला जय श्री राम ।
जब भी कोई रावन जन्मा ,
मुख से निकला जय श्री राम ।।
ऋषियों पर संकट आया ,
मुख से निकला जय श्री राम ।
हिंद भूमि फिर बोल पड़ी है ,
कण -कण से जय- श्री राम ।।
पड़ी भीर है फिर संतो पर ,
गूंज रहा है जय-जय श्री राम ।
उठो हिंद के वीर जवानों ,
बोलो मिल सब जय श्री राम ।।
तिनके से पर्वत तक अब गूजे ,
मेरे प्यारे जय श्री राम ।
उठो हिंद के वीर जवानों ,
बोलो मिल सब जय श्री राम ।।
लहरा दो अब पुरे विश्व में ,
भगवा अपना जय श्री राम ।
काँप उठे जल -क्षिति -अम्बर ,
गूजे केवल जय श्री राम ।।
विश्व गुरु बन जाए भारत ,
चाहू दिशा बस जय श्री राम ।
इतना गरजो इतना बरसो की ,
फिर से आये जय श्री राम ।।
जय -जय श्री राम —
हृदय जौनपुरी