भजन/भावगीत

साँवली सूरत

साँवली सूरत नन्दलाल |
सुंदर  नैना बने बिसाल ||
        अधरों  पर  बजती मुरली |
        नभ छा जाती घटा काली ||
गले   में  बैजंती  माला |
भक्त कहें जय गोपाला ||
         मोर मुकुट अति प्यारो |
         वृंदावन  सबसे  न्यारो ||
भवसागर से हो जो पार |
कृष्ण से करे आँखें चार ||
         साँवली सूरत नन्दलाल |
         सुंदर  नैना बने बिसाल ||
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111