अनाथ वनवासी बच्चों हेतु बाल संस्कार केंद्र
यह अनाथाश्रम निज़र, तापी जिला (गुजरात) में है. सूरत से लगभग 140 किमी दूर. इसमें 32 बच्चे पढते हैं. लेकिन पूरी कच्ची दीवाल घास और मिट्टी से बनी है. इसको एक विश्व हिंदू परिषद की एक साध्वीजी चला रही हैं. किसी सरकारी मदद के बिना साध्वीजी अनेक जगह प्रवचन देकर अन्न का जुगाड करती हैं और उसी से प्राप्त दक्षिणा से अनाथाश्रम चलाती हैं. विकलांग बल के सक्रिय सदस्य दीपक मेहता इस अनाथाश्रम के लिए समाज से आर्थिक तथा अन्य प्रकार का सहयोग प्राप्त करते हैं.
पूर्णतः वनवासी क्षेत्र होने के कारण पहले यहाँ ईसाई धर्म प्रचारकों ने सेवा के नाम पर कुछ सहायता कार्य करके इस क्षेत्र में व्यापक रूप से धर्मान्तरण कराया था. लेकिन अब साध्वी जी के प्रवचनों और सेवा कार्यों से लभग सभी हिन्दुओं की घरवापसी हो चुकी है. अब इस पूरे क्षेत्र में नाममात्र के ईसाई बचे हैं.