कविता

मानव बने दानव नहीं !!

जातिवाद को देखोगे, रहोगे लाख करोड़ ।
हिन्दू बनकर रहोगे,तो रहोगे सौ करोड़ ।।

क्या मिला जाति से, बना जो पाकिस्तान ।
दहसद गरदी पाक मे, मंगल पर हिंदूस्थान।।

सारे मुस्लिम देश मे, है सब खुदा के बंदे ।
पर एक दूजे को काटते, हर गले मे है फंदे ।।

चैन से गर सोना है तो, आँखे अपनी खोल ।
सारे मुस्लिम देश की, अब खुल गयी है पोल।।

मानव बन ,दानव नही, ए मनु की औलाद ।
सब बनो,हिन्दू बनो, सभी शेर, फौलाद ।।

राम आचरण सब करो, कृष्ण का गीता ज्ञान।
विश्व कुटुमब का आचरण, उच्चकोटि विज्ञान।।

हृदय जौनपुरी
जय हिन्द, जय श्री राम !!

हृदय नारायण सिंह

मैं जौनपुर जिले से गाँव सरसौड़ा का रहवासी हूँ,मेरी शिक्षा बी ,ए, तिलकधारी का का लेख जौनपुर से हुई है,विगत् 32 बरसों से मैं मध्यप्रदेश के धार जिले में एक कंपनी में कार्यरत हूँ,वर्तमान में मैं कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हूँ,हमारी कंपनी मध्य प्रदेश की नं-1 कम्पनी है,जो कि मोयरा सीरिया के नाम से प्रसिद्ध है। कविता लेखन मेरा बस शौक है,जो कि मुझे बचपन से ही है, जब मैं क्लास 3-4 मे था तभी से