गीत – हमें जमीं से प्यार है।
थार ही बस थार है,
कि जिंदगी खुमार है।
जिंदगी के मायने क्या,
हमें जमीं से प्यार है।।1।।
तीज, बीज, चैदहवीं,
प्रकाश लाती पूर्णिमा।
दूर-दूर ढाणियां पर,
पास-पास दिल जमा।।2।।
प्रीत-रीत, वाह अनूठी,
रोज एक त्यौहार है।
जिंदगी के मायने क्या,
हमें जमीं से प्यार है।।3।।
सबके साथ भ्राता भाव,
प्यार की मणी है हम।
कह दिया जो कर दिया,
कि बात के धनी है हम।।4।।
बात-बात पर खरे,
प्राण भी निसार है।
जिंदगी के मायने क्या,
हमें जमीं से प्यार है।।5।।
वक्त बहुत रहा सुनहरा,
जिसको आज हम अधीर।
वीर, धीर औ गम्भीर,
यहाँ हुए अनेक पीर।।6।।
जिनके मेले, धूमधाम,
गांव-गांव मजार है।
जिंदगी के मायने क्या,
हमें जमीं से प्यार है।।7।।
रेत टीले, ऊँट यहाँ,
मोर पंख हुजूर हम।
खेजड़ी, रोहिड़ा बहुत,
वृक्ष है जरूर कम।।8।।
मगर न मलाल कोई,
सर जुनूं सवार है।
जिंदगी के मायने क्या,
हमें जमीं से प्यार है।।9।।
— मुकेश बोहरा ‘अमन’