गीत/नवगीत

नवगीत – कहो कबीरा

कहो कबीरा ,
इस जीवन में,
सच पर ऐसा रोना कैसा ।
कहो कबीरा ………………..।।

किसकी चैखट, किसकी खिड़की ,
किसका यह घर डेरा है ।

मिटने वाला माटी ढ़ेला ,
न तेरा……न मेरा है ।।

आना-जाना ,
बात सनातन ,
नयन नीर भिगोना कैसा ।
कहो कबीरा ………………..।।

पैसा, पदवी, धन, दौलत सब,
मानवता से कहीं नीचे है ।

महल-कोठियां, सुविधाएं भी,
सज्जनता से सब पीछे है ।।

फिर तो साथी ,
नश्वरता पर ,
अपना रौब जमाना कैसा ।
कहो कबीरा ………………..।।

मुकेश बोहरा अमन

मुकेश बोहरा 'अमन'

पिता का नाम - स्व. श्री पारसमल बोहरा (जैन) माता का नाम - स्व. श्रीमती शान्ति देवी धर्मपत्नि - श्रीमती शान्ति बोहरा ‘शान्त’ अनुज भ्राता - श्री राहुल बोहरा ‘अमन’ संतान - 1. कार्तिक बोहरा 2. कु. संध्या बोहरा जन्म तिथि - 20.07.1984 शैक्षणिक योग्यता - अधि-स्नातक (हिन्दी), बी.एड. व्यवसाय:- शिक्षण कार्य, राजकीय सेवा में अध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, सांसियों का तला, बाड़मेर राजस्थान भारत प्रकाशित कृतियां - 1. महिला सशक्तिकरण को लेकर कालजयी कृति ‘‘हिम्मत है तो वार करो’’ 2. ओरण-गोचर संरक्षण को लेकर पुस्तक ‘‘ओरण हमारी धरोहर’’ 3. बाल साहित्य में ‘‘भगवान हमारे दादाजी’’ रूचियां:- काव्य लेखन, गद्य लेखन, स्वतंत्र पत्रकारिता, समाज-सेवा, किताबें पढ़ना आदि । स्थायी पता - अमन भवन, महावीर सर्किल, जूना केराडू मार्ग, बाड़मेर राजस्थान भारत 344001 मोबाईल नम्बर:- 8104123345, फेसबुक - कवि मुकेश अमन Email - [email protected]