महाभारत
बस कुछ दिन की बात बची है,
दुनियाभर मे हाहाकार मची है ।
सजे-धजे सब हथियार पड़े है ,
ले-लेकर सब कुछ साथ खड़े है ।
दो-दो हाथ में अब देरी क्या है,
मेरे से तगड़ी,अब तेरी क्या है।
बस नरक बहुत ही जल्द बनेगी,
आपस में लड़-लड़कर कटेगी ।
सब हथियार धार दार बने है,
एक से बड़े एक यार बने है।
मानवता अब तार-तार हो रही ,
बहन बेटियाँ शर्म सार हो रही।
गर्दन कटी, पूरी उघारी मिलती,
नराधम द्वारा मारी मिलती ।
यही हाल माता गायो का है,
लुटती इज्जत माओ का है।
चारों तरफ आशंकित कारण,
क्या युद्ध संग होगा राम-रावण।
नर भक्षी सब जाग गये है,
सज्जन रण छोण भाग गये है।
अथ;श्री महाभारत कथा!
— हृदय जौनपुरी