कविता

महाभारत

बस कुछ दिन की बात बची है,
दुनियाभर मे हाहाकार मची है ।

सजे-धजे सब हथियार पड़े है ,
ले-लेकर सब कुछ साथ खड़े है ।

दो-दो हाथ में अब देरी क्या है,
मेरे से तगड़ी,अब तेरी क्या है।

बस नरक बहुत ही जल्द बनेगी,
आपस में लड़-लड़कर कटेगी ।

सब हथियार धार दार बने है,
एक से बड़े एक यार बने है।

मानवता अब तार-तार हो रही ,
बहन बेटियाँ शर्म सार हो रही।

गर्दन कटी, पूरी उघारी मिलती,
नराधम द्वारा मारी मिलती ।

यही हाल माता गायो का है,
लुटती इज्जत माओ का है।

चारों तरफ आशंकित कारण,
क्या युद्ध संग होगा राम-रावण।

नर भक्षी सब जाग गये है,
सज्जन रण छोण भाग गये है।

अथ;श्री महाभारत कथा!

— हृदय जौनपुरी

हृदय नारायण सिंह

मैं जौनपुर जिले से गाँव सरसौड़ा का रहवासी हूँ,मेरी शिक्षा बी ,ए, तिलकधारी का का लेख जौनपुर से हुई है,विगत् 32 बरसों से मैं मध्यप्रदेश के धार जिले में एक कंपनी में कार्यरत हूँ,वर्तमान में मैं कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हूँ,हमारी कंपनी मध्य प्रदेश की नं-1 कम्पनी है,जो कि मोयरा सीरिया के नाम से प्रसिद्ध है। कविता लेखन मेरा बस शौक है,जो कि मुझे बचपन से ही है, जब मैं क्लास 3-4 मे था तभी से