कविता

कोशिश

कभी हँसकर,कभी रोकर
कभी रूठकर,कभी मनाकर
कभी घुटकर, कभी खुलकर
कभी कहकर, कभी सहकर
कभी चुपचाप,कभी खामोशी
कभी बोलकर,कभी समझौते
कभी कभार लड़- झगड़कर भी
कभी समझकर, कभी समझाकर
कभी परायों को देखकर
कभी अपनों के खातिर
कुछ रिस्ते निभाने का
कुछ रिस्ते सजाने का
करता रहता हूँ लगातार प्रयास
जिससे जीवन में मिले एक शान्ति ।।

कालिका प्रसाद सेमवाल

कालिका प्रसाद सेमवाल

प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रतूडा़, रुद्रप्रयाग ( उत्तराखण्ड) पिन 246171