कविता

छवि

जब तुम्हारी छवि
मेरी स्मृति  पटल पर   आती है ,
तब मन तुम्हे ढ़ूँढ़ने के लिए  व्याकुल हो जाता है ।
यह सिर्फ अहसास मात्र है
क्योकि छवि का स्मृति  पटल पर आना
और मन का व्याकुल हो जाना
रोमांच तो पैदा करता है ।
पर जानती हूँ  हकीकत इससे परे है
मेरे तुम्हारे बीच में निरन्तर बढ़ता
हुआ फासला ये दर्शाता है
कि इस जन्म में मिलना अब असम्भव है ,
पर सोचती हूँ कि क्या मिलना अब भी सम्भव है ।
इसलिए ,
तुम्हारी छवि ख्यालों में आकर
अक्सर परेशान करती है
हमको बहकाने  की कोशिश में
मन को हैरान करती है

डॉ .माधवी कुलश्रेष्ठ

डॉ. माधवी कुलश्रेष्ठ

पिता का नाम स्व . श्री हरेंद्र पाल कुलश्रेष्ठ पति का नाम श्री अरविन्द कुलश्रेष्ठ वर्तमान पता सी -14 न्यू आगरा फोन न . 9412426559 8218644036 ;8193909436 शिक्षा . एम॰ ए एम .एड पी .एच डी . (हिन्दी ..मनोविज्ञान इतिहास और संगीत गायन ) व्यवसाय - प्रधानाचार्य काव्य कलश सम्मान , भाव-भूषण सम्मान , और भी कई शाखाओं में उच्च पदों पर रहकर समाज सेवा कर रही हूँ लेखन कार्य भी करती हूँ । साझा संकलन भी छप चुके हैो