बेटी
बेटी होती विदा
मन परेशान है
घर होगा तेरे बिन सूना
आँखे आज हैरान है
दिल का टुकड़ा छूटा
आँगन बेजान है
कोई आवाज आती नहीं
दस्तक बेजान है
तेरे बिना बहते नयन
मन अब उदास है
पायल की आवाज आती नहीं
अंगना भी उदास है
संजय वर्मा ‘दृष्टी ‘
मनावर (धार )