ग़ज़ल
हाल अपना बता नहीं सकते
दर्द दिल का सुना नहीं सकते
पास कितनी भी चाहे दौलत हो
कर्ज़ माँ का चुका नहीं सकते
माँ के ही सामने झुकेगा सर
सर कहीं भी झुका नही सकते।
धूल चरणों की है नसीबों में
भाल चंदन लगा नही सकते।
हौसले सब मेरे दया तेरी
लोग मुझको हरा नही सकते
— आनंद पाण्डेय “केवल”