विरह वेदना राधा रानी की
श्याम वरन सुंदर मनमोहना,
ओ यशोदा के राज दुलारे,
आ जाओ मेरे मुरली मनोहर,
तेरी राधा रानी तुझे पुकारे,
ग्वाल बाल औ सखा गोपियाँ,
सब तक रहे राह तुम्हारी,
गोकुल की हो गईं गलियां सूनी,
आ जाओ मेरे श्याम मुरारी,
मधुवन उपवन में भ्रमर भी देखें,
कब आएंगे मेरे गिरधारी,
मन में उमंग अँखियों में प्रीत भरे,
विरह में तड़पे राधा प्यारी,
गोकुल के द्वारे यमुना किनारे ढूंढे,
तेरे दर्शन को तरसे अँखियाँ,
पनघट किनारे खड़ीं,राह तकें तेरी,
राधा और उनकी सब सखियां,
अजर,अमर तुमसे प्रीत हमारी,
क्यूँ छोंड़ गये हमे बांके बिहारी,
जब से गये हमरी सुध बिसरा गए,
न तुम लीन्ही खबरिया हमारी…!
— सरला तिवारी