“मुक्तक”
“मुक्तक”
कतरा-कतरा माँ तेरा है।
पुतरा पुतरा माँ तेरा है।
शीश निछावर करते वीरा-
सुंदर अँचरा माँ तेरा है।।
गर्वित होते लाल हजारों।
सीमा प्रहरी नायक यारो।
दुश्मन के छक्के छुट जाते-
नमन शहीद धन्य दिग चारो।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
“मुक्तक”
कतरा-कतरा माँ तेरा है।
पुतरा पुतरा माँ तेरा है।
शीश निछावर करते वीरा-
सुंदर अँचरा माँ तेरा है।।
गर्वित होते लाल हजारों।
सीमा प्रहरी नायक यारो।
दुश्मन के छक्के छुट जाते-
नमन शहीद धन्य दिग चारो।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी