पर्यावरण बचाओ
कितनी सुन्दर छटा निराली,
प्रकृति में चारों ओर हरियाली ।
कलकल कर रही है नदियां
झरने सुना रहे है मधुर संगीत,
नाचे मोर बदरिया देख काली
देखो प्रकृति में चारों ओर हरियाली ।
सुन्दर फूल खिले उपवन में,
भीनी खुशबू उडे़ गगन में,
मीठी तान सुनाये कोयल,
छाई है चारों ओर हरियाली ।
वृक्ष बनाते है शुद्ध पर्यावरण,
संतुलित रखना होगा पर्यावरण,
एक एक वृक्ष बचाना होगा,
छाई है चारों ओर हरियाली ।
चलो गीत खुशी के गाये
जन, जन में जागृति लाये,
एक – एक पेड़ घर -घर लगाये
छा जाय चाऱो ओर हरियाली ।
इस धरा को जन्नत बनाये
नभ के तारे जमी पर जगमगाये
देखो प्रकृति की छटा निराली,
छाई है चारों ओर हरियाली ।
— कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखण्ड