पिया मिलन
आओ सखियो मेरा करो श्रृंगार तुम,
पिया मिलन की रुत आयी है ।।
आज नहीं रोकना मुझे,
आज नहीं कहना कुछ मुझे ।
आज है आयी घड़ी मिलन की,
आज है वो शुभ दिन आया ।
आओ सखियो मेरा करो श्रृंगार तुम,
पिया मिलन की रुत आयी है।
पिया ने आज मुझे सन्देशा भेजा है,
पिया खुद आये हैं मुझे लेने।
पिया करे मेरा इंतज़ार ,
पिया को मेरे यूँ न करवाओ इंतज़ार।।
आओ सखियो मेरा करो श्रृंगार तुम,
पिया मिलन की रुत आयी हैं।।
विदाई की मेरी हो गई तैयारी ,
राह में बिछ गए फूल देखो ।
विदाई करने को आतुर मेरे अपने ,
विदाई में मेरी बज रही शहनाई हैं ।
आओ सखियो मेरा करो श्रृंगार तुम,
पिया मिलन की रुत आयी हैं।
अर्थी रूपी डोली पर होकर मैं सवार,
आज चली पिया मिलन को ।
तन होगा अग्नि में जब ,
तब होगा पिया से मिलन मेरा।
मेरा पिया ” कान्हा ”
उस पार कर रहा इंतज़ार ।
आओ सखियों मेरा करो श्रृंगार तुम,
पिया मिलन की रुत आयी हैं ।।।।।