गीत/नवगीत

पिया मिलन

आओ सखियो मेरा करो श्रृंगार तुम,
पिया मिलन की रुत आयी है ।।

आज नहीं रोकना मुझे,
आज नहीं कहना कुछ मुझे ।
आज है आयी घड़ी मिलन की,
आज है वो शुभ दिन आया ।

आओ सखियो मेरा करो श्रृंगार तुम,
पिया मिलन की रुत आयी है।

पिया ने आज मुझे सन्देशा भेजा है,
पिया खुद आये हैं मुझे लेने।
पिया करे मेरा इंतज़ार ,
पिया को मेरे यूँ न करवाओ इंतज़ार।।

आओ सखियो मेरा करो श्रृंगार तुम,
पिया मिलन की रुत आयी हैं।।

विदाई की मेरी हो गई तैयारी ,
राह में बिछ गए फूल देखो ।
विदाई करने को आतुर मेरे अपने ,
विदाई में मेरी बज रही शहनाई हैं ।

आओ सखियो मेरा करो श्रृंगार तुम,
पिया मिलन की रुत आयी हैं।

अर्थी रूपी डोली पर होकर मैं सवार,
आज चली पिया मिलन को ।
तन होगा अग्नि में जब ,
तब होगा पिया से मिलन मेरा।
मेरा पिया ” कान्हा ”
उस पार कर रहा इंतज़ार ।

आओ सखियों मेरा करो श्रृंगार तुम,
पिया मिलन की रुत आयी हैं ।।।।।

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।