कविता

महफूज़

पता नहीं
कितनी ही सदियों से …
वर्ष दर वर्ष
बंधती आ रही है राखियां
बुजुर्गों ने बताया महत्व
राखी बंधवाने वाला
करता है हिफाज़त
राखी बांधने वाले की
हर इक लड़का
राखी बंधवाता है
और फ़र्ज़ निभाने की
कसम खाता भी है
फिर क्यों ??
क्यों !!! कोई भी लड़की
महफूज़ नहीं कहीं भी ।

*प्रिया वच्छानी

नाम - प्रिया वच्छानी पता - उल्हासनगर , मुंबई सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन प्रकाशित पुस्तकें - अपनी-अपनी धरती , अपना-अपना आसमान , अपने-अपने सपने E mail - [email protected]