बालगीत – प्यारी तितली
तितली हूँ मैं प्यारी सी,
उड़ती हूँ मैं न्यारी सी
खाना खाती फूलों में
झूला झूलती फूलों में
चाल है मेरी न्यारी सी,
तितली हूँ मैं प्यारी सी,
बहुत दूर से आती हूँ,
बच्चों के मन भाती हूँ,
लगती हूँ मैं सुन्दर सी,
तितली हूँ मैं प्यारी सी,
पंख है मेरे रंग – बिरंगे
लगते चमकीले रंग रंगीले,
सबके मन को भाती हूँ,
नहीं हाथ में आती हूँ।
— कालिका प्रसाद सेमवाल
सुंदर कविता तितली पर