विविध

स्वच्छता की साक्षरता पर राष्ट्रीय सेमिनार

माहवारी और सेनेटरी पैड्स–बात करने में भी हिचक क्यूँ ?…..
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.”.स्वच्छता की साक्षरता” राष्ट्रीय सेमिनार में अवार्डी और डिबेट पैनेलिस्ट पूनम माटिया ने कहा
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दिल्ली 2 नवम्बर। दिल्ली में
प्रदूषण के बढ़ते असर, ख़राब वातावरण से को कैसे मुक्त किया जाय?
कैसे स्वच्छता को अपने जीवन में अपनायें?
इसी मुद्दे को ‘नवप्रभात जन सेवा संस्थान’ एवं ‘टोबैकगो(TOBACCGO)’ के सह-संयोजन से “स्वच्छता की साक्षरता “पर एक दिवसीय जागरूकता राष्ट्रीय सेमिनार अमीर खुसरो ऑडोटोरियम, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, दिल्ली आयोजित कि गयी।जिसमें करीब 27 संस्थाओं एवं 200 लोगों ने भाग लिया। देश भर से आईं 27 संस्थाओं में से टॉप 11 संस्थाओं ने अपने बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत किये- ‘कैसे दिल्ली को प्रदूषण-मुक्त किया जा सकता है और कैसे सबको शुद्ध वातावरण मिल सकता है?’
नव प्रभात जन सेवा संस्थान एवं ‘टोबैकगो द्वारा स्वच्छता की साक्षारता सेमिनार एवं स्वच्छता प्रहरी सम्मान कार्यक्रम में बोलते हुवे प्रसिद्ध साहित्यकार एवं कवयित्री डॉ पूनम माटिया ने महिलाओ की माहवारी और महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छ्ता सम्बन्धी विशेष जानकारी देते हुए कहा-
“जिस सादगी और सरलता से इस विषय को हम यहाँ उठा पाए वह इसलिए कि एक पिक्चर हमें मिल गयी-‘पैडमैन‘ जिसका सहारा लेकर हम यहाँ सामाजिक तौर पर प्रतिबंधित विषय पर चर्चा कर पा रहे हैं| दरअसल बात यह है कि ज़माने से इस विषय पर …..बात नहीं करनी है, चुप रहना है, छुपाना है ……बल्कि गाँव ही नहीं, पिछड़ों में ही नहीं, शहरों में भी यह बात है कि आप अपने हस्बैंड से भी कह दें कि आप सेनेटरी पैड ले आना तो वो भी इसे आराम से ला नहीं पाते क्यूंकि दुकानदार से मांगना ही उनके लिए शर्म की बात है| तो इस इशू को इतना डरावना, नीच काम, गन्दा काम या प्रायोरिटी में पीछे नहीं करना चाहिए , बल्कि खुले तौर पर जैसे कि हम बेबी के लिए डायपर्स खरीदते हैं ….. बड़ों और बीमार लोगों के लिए भी डायपर्स लेते हैं या फिर जिनको डायसेंटरी या कोई बीमारी जिसमे ब्लीडिंग(खून का स्त्राव हो) तो हम पैड्स लेते हैं वैसे ही लड़कियों के लिए सेनेटरी पैड्स हैं तो शर्म और गंदगी का एहसास क्यूँ ….साफ़-सुथरा पैड नए कपड़े के समान है उसको छूने मात्र की कल्पना ही ‘उफ़्फ़’ का एक्सप्रेशन क्यूँ ले आती है जबकि माहवारी ही वो ईश्वर की देन है औरत को जिसके कारण वो बच्चे को जन्म दे पाती है, तो हाइजीन(साफ़-सफ़ाई) और रूटीन के कार्य सहजता से करने के लिए पैड्स इकोनोमिकाली(सस्ते) उपलब्ध हों और उनकी क्वालिटी(गुणवत्ता) कम न हो- यह देखना चाहिए|
स्वच्छता की साक्षरता से तात्पर्य यही है कि अधिक से अधिक लोगों को स्वच्छता के विभिन्न पक्षों के बारे में अवेयर(जागरुक) कराया जाये जैसे इस सेमीनार द्वारा किया जा रहा है-. पोलीथीन का उपयोग धीरे-धीरे कम करना है क्यूंकि जो इतने वर्षों में हमारी ज़िन्दगी का अभिन्न हिस्सा बना दिया गया है उसे एक झटके में तो निकाल फेंका नहीं जा सकता|”
माटिया का कहना भी यही है –‘जो बिगड़ा है बरसों में वो सुधरे कैसे पल भर में‘ तो उनके अनुरूप धीरे-धीरे, नए विकल्प खोज कर, पुराने साधनों के उपयोग जैसे कपड़े के थैलों के माध्यम से, वापस स्टील, कांच के बर्तन आदि के प्रयोग से हमें प्लास्टिक को हटाना चाहिए
उन्होंने कहा-“शुरुवात अपने से करें-स्वच्छ सोच स्वच्छ व्यवहार सुरक्षित जीवन का आधार को मानते हुए बच्चों से अपील है …बच्चों पूनम लगाए गुहार -कूड़ा डालो ‘बिन’ में हर बार|”

विशिष्ट अतिथि के रूप में दिल्ली के साइंटिस्ट डॉ. एस. के. धवन(नेशनल फ़िज़िकल लैबोरेटरी) ने बताया कि किस तरह कूड़े में पड़ी पॉलीथिन एवं दूध की थैली का इस्तेमाल करके बेहतरीन एवं ख़ूबसूरत टाइल्स बना कर उसका इस्तेमाल किया जा सकता है और इस तरह प्रदूषण को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
दिल्ली सरकार में एडीशनल डायरेक्टर हेल्थ, डॉ. एस. के. अरोड़ा ने तम्बाकू के सेवन के परहेज पर ज़ोर देते हुए कहा- यह भावना हमारे अंदर से उठनी चाहिए कि हम किसी भी तरह का तम्बाकू, गुटका न लें और प्रदूषण को रोकने में सहयोग करें, वहीं पर गुरुग्राम से आई एक संस्था ‘फ़ेंक मत सड़क पर’ ने गाड़ी चलते समय कूड़े को कैसे बैग में रख कर उसका निस्तारण किया जाय, पर प्रकाश डाला, और मेरठ(उ. प्र.)से ‘पहल एक प्रयास’ ने अपने अद्भुत मॉडल में बताया कि कैसे स्वच्छता अपनायी जा सकती है
दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. सीमा सिंह और डॉ. सुधीर सिंह एवं अपोलो हॉस्पिटल से डॉ. सुब्रह्मण्यम जी एवं दिविवि के पीयूष पुष्कर ने स्वच्छता-विषय में अपने महत्वपूर्ण विचारों से सबका पथप्रदर्शन किया। गुड़गांव मानेसर ए एस के ऑटो से आये अखिलेश दूबे ने भी स्वच्छता को अपनाने एवं वातावरण को प्रदूषण-मुक्त करने के लिए अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। नवप्रभात जन सेवा संस्थान की अध्यक्ष सुमन एवं सचिव श्री राजकुमार दूबे, दिल्ली प्रभारी पूनम पांडेय एवं टोबैकगो (TOBACCGO) से अनमोल चावला, कमलेश बंसल, मंजू चौहान ने सभी का आभार व्यक्त किया।

शम्भू पंवार
ब्यूरो चीफ
ट्रू मीडिया,दिल्ली
चिड़ावा,झुन्झुनू

शम्भू पंवार

ब्यूरो चीफ ट्रू मीडिया, दिल्ली चिड़ावा, 8058444460 [email protected]