कहानी

छठ की महिमा

हर बार की तरह दिवाली की छुट्टियों में विभा और उसके पती विशाल अपने घर माँ पापा के पास आये,इस बार विभा मन ही मन बहुत खुश थी। की इस बार मैं छठ व्रत करूँगी।
उसने विशाल से कहा कि अपनी छुट्टी और बढ़वालो,और जीजी को भी बुलवा लेना इस बार मैं छठ व्रत पूजा करूँगी।यहीं माँ पापा के पास रहकर…तब विशाल ने कहा कि विभा तुम्हे तो पता है न की मेरे यहां कोई छठ व्रत नही करता!”और माँ को बताई हो ,माँ शायद इजाजत नही देंगी क्योंकि मेरे यहां ये व्रत अभी कोई नही करता..।
अब विभा सोच में पड़ गयी की कैसे बात करूँ माँ से। उसके माथे में चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही थी।
विभा को परेशान सा देख माँ ने पूंछा क्या बात है बहू ?”बड़ी परेशान सी लग रही हो..
विभा ने कहा माँ मेरा इस बार बहुत ही मन हो रहा है ।कि मैं भी छठ व्रत करूँ, तो विभा की सासू माँ ने कहा बहू..हमें तो इसका विधि-विधान नही पता तो तुम कैसे करोगी ये व्रत और हमने सुना है कि ये पर्व चार दिनों का रहता है। और इसमें साफ-सफाई का खास ख्याल रखना पड़ता है।बहुत ही कठिन है ये व्रत….!विभा बोली माँ मेरी सहेलियां जो की बिहार की हैं मेरे पास ही रहती हैं ।तो वो हमें इस छठ व्रत पूजा के बारे में सब विधी बता दीं हैं ।तो आपकी इजाजत हो तो मैं सब कर लूंगी। बस आपका आशीर्वाद औ साथ बना रहे ।
**माँ..बेटा ये तो अपनी श्रद्धा की बात है अगर तुम्हारा इतना ही मन है तो हम बिलकुल करेंगे छठ पूजा ।
विभा बोली ….माँ मेरी सखियाँ बता रहीं थी की इस व्रत को करने से छठी मइया और सूर्य देवता हम सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
कहते हैं पूरे मन और विधी-विधान से किया गया ये व्रत बहुत ही फलदायी होता है।
तो फिर ठीक है बहू जल्दी से छठ पूजा की तैयारी में लग जाते हैं। समय बहुत कम है,
विभा और उनकी माँ दोनो ख़ुशी-ख़ुशी पूजा की तैयारियों में लग गयी।।
💐जय हो छठी मइया क़ी💐
✍️सरला तिवारी

सरला तिवारी

मूल स्थान रीवा (म.प्र.) निवासी- जिला अनूपपुर (म.प्र.) शिक्षा - स्नातक गृहिणी अध्ययन और लेखन में रूचि है. ईमेल पता [email protected]