कविता

मी टू

पहले प्यार का करते वादा
बाद में करते नाटक है।
जाने कहाँ से आया मी टू
दिलवालो को घातक है ।
पहले करते प्रेम प्रतिज्ञा
कभी अलग न होंगे हम।
मनभावन के सावन में अब
प्यास बुझा के लेगे दम।
जाग उठी अब सारी संस्कृति
सब प्यार के झूठे वादे हैं ।
जबसे आया मेरा मी टू
सबके सब अब सादे है।
सब गूँगे अब बोल उठे
निर्वस्त्र हो चाहे वस्त्र सजा।
झूठे प्यार के लालच में
भुगतेंगे सब लोग सजा।
शुक्र ! है कि अब ऑख खुली
यही मिलेगा सब हक है।
जब से आया है ये मी टू
दिल में थोड़ा सा शक है ।

(ओम नारायण कर्णधार)

ओम नारायण कर्णधार

पिता - श्री सौखी लाल पता - ग्राम केवटरा , पोस्ट पतारा जिला - हमीरपुर , उत्तर प्रदेश पिन - 210505 मो. 7490877265 ईमेल - [email protected]

2 thoughts on “मी टू

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत अछि रचना . चलो देर से ही सही, शुरू तो हुआ है ! लेकिन इस में एक खतरा भी हो गिया है, ब्लैकमेलिंग का .किसी निर्दोष को चंद पैसों की खातर
    सजा दिला देना भी खतरा पैदा हो गिया है .

    • ओम नारायण कर्णधार

      जी काफी कुछ लिखने की कोशिश की
      अभी और कोशिश करूंगा

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