कविता “पिरामिड” *महातम मिश्र 15/11/2018 “पिरामिड” क्या हुआ सहारा बेसहारा भूख का मारा लालायित आँख निकलता पसीना।।-1 हाँ चोर सिपाही सहायता पक्ष- विपक्ष अपना करम बेरहम मलम।।-2 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी