कविता- तेरा डंडा-तेरा सर!!
तेरा डंडा तेरा सर,
हम मंदिर वहीं बनायेगे,,
तू मस्जिद-मस्जिद कर,,
तेरा डंडा तेरा सर,,,,,
कोटि-कोटि जन की है मंशा,
कृष्ण के हाथों मरेगा कंसा,
बेटा राम-कृष्ण से डर,,,
तेरा ठंडा तेरा सर ,,,,,,,
राम -कृष्ण की धरती बोली,
बेटा अब तक दुष्टो की हो ली,
अब तू भी मनमानी कर,,
तेरा ठंडा तेरा सर,,,,,
कब तक हाथ जोड़ेगे हिन्दू,
अब तो हाथ भी जोड़ेगा सिन्धू,
जब राम चंद्र का फिरेगा सर,
तेरा ठंडा तेरा सर,,,,,
— हृदय जौनपुरी