कविता

कोशिश करना सीखो

मंज़िल न पा सको तो क्या?

चार कदम चलना तो सीखो।

आकाश न छू सको तो क्या?

पंछी की तरह उड़ना तो सीखो।

सफल न हो सको तो क्या?

भाग लेना तो सीखो।

गा न सको तो क्या?

कुछ बोलने सीखो।

तैर न सको तो क्या?

पानी में भीगने सीखो।

मोती न पा सको तो क्या?

सागर में गहरे उतरना तो सीखो।

डब॰ के॰ नॉसिका यसन्ति

नॉसिका यसन्ति

मैं श्री लंका के केलनिय विश्वविद्यालय की एक हिंदी लेक्चरर हूँ