कविता

संयुक्त परिवार

बहुत प्यारा लगे वो संयुक्त परिवार,
जहां पर मिलते सभी के एक विचार,
करते जहां एक दूजे से समान व्यवहार,
एक साथ मनाते मिलजुलकर त्योहार,
दादा दादी संग रहते होती खुशी अपार,
होते न स्वार्थ कहीं न आती रिश्तों में दरार,
बड़े बुजुर्गों का मिलता सदा आशीर्वाद,
छोटी छोटी बातों में न होता कभी वाद-विवाद,
एक दूजे का भाव समझ करते एक दूजे से प्यार
जाने कहाँ अब खोया ये प्यारा सपनो का संसार,

✍️सरला तिवारी

सरला तिवारी

मूल स्थान रीवा (म.प्र.) निवासी- जिला अनूपपुर (म.प्र.) शिक्षा - स्नातक गृहिणी अध्ययन और लेखन में रूचि है. ईमेल पता [email protected]