बेहिसाब उम्मीदें !!!!
कोशिशों का एक थैला दिया था
माँ ने बचपन में
जिसमे बेहिसाब उम्मीदें भरी थीं
तभी तो मन आज भी
हार मान कर
चुप बैठता नहीं है !!!!
…
कोशिशों का एक थैला दिया था
माँ ने बचपन में
जिसमे बेहिसाब उम्मीदें भरी थीं
तभी तो मन आज भी
हार मान कर
चुप बैठता नहीं है !!!!
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