कविता

मानवता के भाव

जगाओ हृदय में मानवता के भाव
जीवन में फैल जायेगा
मनोहर स्वर्णिम उजाला
छलकेगा आनंद का अमृत प्याला|

मिटाकर स्वार्थ अपना-अपना
जीवन में सच्चा श्रृंगार रचा लो
मिलेगा ईश्वरीय उपहार
तुम करो हर प्राणी से प्यार|

पवित्र हो अाचार-विचार
जन-जन देगा सम्मान
रक्तपात-हिंसा बुरी बला
चलो अहिंसापथ होगा भला|

मानव हो मानव बनकर रहो ‘कुमार’
करो निर्माण सभ्य समाज
तब होगा सच्चा विकास
जब हर जन को होगा विश्वास|

— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111