कविता

मजदूर

मैं तो इक गरीब हूँ
मौत के करीब हूँ
मेहनत से पेट भरता
ऐसा इक हबीब हूँ
पैसे के बिना यहाँ
हमें कौन देगा रोटियाँ
पर पैसे वालों के यहाँ
सब फेकते हैं रोटियाँ
एक पहर पेट भर के
जिंदगी बचाऊगा
आखिरी ही साँस तक
मैं हाथ न फैलाऊगा
खून के कतरे से मेरे
वो आसमां में उड रहा
जब तक रहेगी साँस मुझमें
वो मुझसे ही तो पल रहा
जिस दिन न होंगे हम यहाँ
वो फिर जमी पे आयेगा ।
कौन फिर उसको बचाये
वो फिर यहाँ लुट जायेगा।









ओम नारायण कर्णधार

पिता - श्री सौखी लाल पता - ग्राम केवटरा , पोस्ट पतारा जिला - हमीरपुर , उत्तर प्रदेश पिन - 210505 मो. 7490877265 ईमेल - [email protected]