कविता

कविता – नए साल ! तुम जल्दी आना

नए साल! तुम जल्दी आना ।
संग में अपने खुशियां लाना ।।

छोड़ दिए हैं काम अधूरे 
उसको पूरे करके जाना ।
स्वप्न सलौने अपने हैं
रंगों से है उसे सजाना।।

देख रहा हूं मैं तुम को 
चुस्ती-स्फूर्ति लेकर आना।
नए साल! तुम जल्दी आना ।
संग में अपने खुशियां लाना ।।

मैं पौधा भी खुब लगाऊंगा 
पानी भी खुब पिलाऊँगा ।
पढ़कर अच्छी-अच्छी बातें 
परीक्षा में भी अव्वल आऊंगा।।

बस तुम आना और जगाना
उत्सव-आनंद से भर जाना।
नए साल! तुम जल्दी आना ।
संग में अपने खुशियां लाना ।।

दादा-दादी के घर जाऊंगा 
मम्मी-पापा की संगत पाऊंगा ।
काका काकी भी प्यारे हैं 
उनका भी मन बहलाऊँगा ।

है रिश्ते हंसी-खुशी निभाना 
है प्यार सभी का ही पाना ।
नए साल! तुम जल्दी आना ।
संग में अपने खुशियां लाना ।।

ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’

*ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"

नाम- ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जन्म- 26 जनवरी’ 1965 पेशा- सहायक शिक्षक शौक- अध्ययन, अध्यापन एवं लेखन लेखनविधा- मुख्यतः लेख, बालकहानी एवं कविता के साथ-साथ लघुकथाएं. शिक्षा-बीए ( तीन बार), एमए (हिन्दी, अर्थशास्त्र, राजनीति, समाजशास्त्र, इतिहास) पत्रकारिता, लेखरचना, कहानीकला, कंप्युटर आदि में डिप्लोमा. समावेशित शिक्षा पाठ्यक्रम में 74 प्रतिशत अंक के साथ अपने बैच में प्रथम. रचना प्रकाशन- सरिता, मुक्ता, चंपक, नंदन, बालभारती, गृहशोभा, मेरी सहेली, गृहलक्ष्मी, जाह्नवी, नईदुनिया, राजस्थान पत्रिका, चैथासंसार, शुभतारिका सहित अनेक पत्रपत्रिकाआंे में रचनाएं प्रकाशित. विशेष लेखन- चंपक में बालकहानी व सरससलिस सहित अन्य पत्रिकाओं में सेक्स लेख. प्रकाशन- लेखकोपयोगी सूत्र एवं 100 पत्रपत्रिकाओं का द्वितीय संस्करण प्रकाशनाधीन, लघुत्तम संग्रह, दादाजी औ’ दादाजी, प्रकाशन का सुगम मार्गः फीचर सेवा आदि का लेखन. पुरस्कार- साहित्यिक मधुशाला द्वारा हाइकु, हाइगा व बालकविता में प्रथम (प्रमाणपत्र प्राप्त). मराठी में अनुदित और प्रकाशित पुस्तकें-१- कुंए को बुखार २-आसमानी आफत ३-कांव-कांव का भूत ४- कौन सा रंग अच्छा है ? संपर्क- पोस्ट आॅफिॅस के पास, रतनगढ़, जिला-नीमच (मप्र) संपर्कसूत्र- 09424079675 ई-मेल [email protected]

One thought on “कविता – नए साल ! तुम जल्दी आना

  • ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"

    कविता—नए साल ! तुम जल्दी आना
    यह कविता बच्चों के हिसाब से कैसी है ? जरुर बताए.

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