क्यों,कब तक
आखिर क्यों ,कब तक ,
हमको कोसोंगे आप ,
कसूर क्या है हमारा ????
हम सैनिक है शायद,
यही बड़ा कसूर है हमारा ।
हम आपके लिए खड़े है,
रात दिन देखे बिना सीमा पर।
यही कसूर है हमारा शायद।
आप रहते हो परिवार संग,
हम छोड़ अपना परिवार,
आपके लिए ही खड़े है सीमा पर।
आपकी सारी खुशियाँ ,
अपनो संग होती है ,
बच्चों को अपने आप ,
हर पल सामने देखते हो ,
हम खुश होते है गोली ,
विजय पा कर आपके लिए,
हम हमारे परिवार, बच्चों को,
खत, फोन में देखते है ।
आप सारे त्यौहार मनाते हो ,
तब हम आपके त्यौहार ,
सार्थक करते है
जब जब कहि भी ,
प्रकतिक आपदा आती है ,
हमको सामने आप पाते हो ।
हमको दुश्मन पर मिलती ,
विजय जब जब तब ,
आप दुआ करते हो हमारे लिए,
हम जान को हथेली पर ले,
सीमा पर मौत के साये में,
आपके , इस मां के लिए है ।
देश और भारत माँ की ,
आन ,मान ,मर्यादा के लिए ,
खुशी खुशी जान हम देते है ।
क्या कसूर होता है ,
जब हम पथराव करने वालो को,
खदेड़ भगाते है ।
क्यो हमारी छवि को ,
गलत आप मानते हो,
हमारा दर्द ,परिवार से,
दूर जाने का नही समझते ।
क्या कसूर है हमारा ,
कब तक हमको ,
एक के कारण ,
सभी को कोसोगें???
हम भी इंसान हैं ,
जो यहाँ सीमा पर ,
आपके लिए है ,
मत कोसो हमको ,
दुआ दो हमको ,
हमारे परिवार को ,
आप अपना समझो ।।।।
–– सारिका औदिच्य