ढल जाएगी जवानी
ढल जाएगी जवानी दिल जवान होना चाहिए
हर उम्र में हमें जीने का अरमान होना चाहिए
कदम कदम पर खतरे हैं ज़िंदगी मे ए दोस्त
खतरों को जो टाले वो निगहबान होना चाहिए
इस मिट्टी ने न जाने कितनी खुशियाँ दी हमें
मौका गर मिले वतन पर कुर्बान होना चाहिए
जीभ के स्वाद की खातिर बिगाड़ लोगे सेहत
कोशिश करो के सादा खान पान होना चाहिए
न जाने कब कहाँ सांझ ढल जाए रात हो जाए
घर से निकलो तो ज़रूरी सामान होना चाहिए
सराय ही है ये दुनिया इसे छोडना है इक दिन
आदमी को इस सराय का मेहमान होना चाहिए
कितने आए चले गए औ कितने आएंगे जाएंगे
जिंदगी मिली है हमें इसका उनवान होना चाहिए
जीने का मज़ा लो भरपूर मरने का डर ना पालो
अर्जुन हर करम में शामिल भगवान होना चाहिए