लावणी छंद
संकल्प अगर दृढ़ ठानोगे ,तो मंजिल को पाओगे ।
सदा सफलता पाओगे अरु ,हर दिल पर छा जाओगे ।
मन को विचलित मत करना तुम ,पथ में जो भी शूल मिलें
कठिन परिश्रम करो मनुज तो, पत्थर में भी फूल खिले ।
ज्ञान चक्षु यदि खोल चलोगे ,फिर क्यों ठोकर खाओगे ।
सदा सफलता पाओगे अरु ,हर दिल पर छा जाओगे ।
करत -करत अभ्यास जगत में ,जड़मति सभी सुजान हुए।
लगन रहे गतिमान अगर पल,में पूरे अरमान हुए ।
कठिनाई से अगर डरे तो ,कायर ही कहलाओगे ।
सदा सफलता पाओगे अरु ,हर दिल पर छा जाओगे ।
तूफानों से मत डर जाना , रखो हौंसला जीने में ।
नाव चला लहरों के आगे ,सागर भर लो सीने में ।
बाधाओं को चीर जीत का ,परचम फिर लाहराओगे ।
सदा सफलता पाओगे अरु ,हर दिल पर छा जाओगे ।
रीना गोयल
सरस्वती नगर ( हरियाणा)