कविता

लावणी छंद

संकल्प अगर दृढ़ ठानोगे ,तो मंजिल को पाओगे ।
सदा सफलता पाओगे अरु ,हर दिल पर छा जाओगे ।

मन को विचलित मत करना तुम ,पथ में जो भी शूल मिलें
कठिन परिश्रम करो मनुज तो, पत्थर में भी फूल खिले ।

ज्ञान चक्षु यदि खोल चलोगे ,फिर क्यों ठोकर खाओगे ।
सदा सफलता पाओगे अरु ,हर दिल पर छा जाओगे ।

करत -करत अभ्यास जगत में ,जड़मति सभी सुजान हुए।
लगन रहे गतिमान अगर पल,में पूरे अरमान हुए ।

कठिनाई से अगर डरे तो ,कायर ही कहलाओगे ।
सदा सफलता पाओगे अरु ,हर दिल पर छा जाओगे ।

तूफानों से मत डर जाना , रखो हौंसला जीने में ।
नाव चला लहरों के आगे ,सागर भर लो सीने में ।

बाधाओं को चीर जीत का ,परचम फिर लाहराओगे ।
सदा सफलता पाओगे अरु ,हर दिल पर छा जाओगे ।

रीना गोयल
सरस्वती नगर ( हरियाणा)

रीना गोयल

माता पिता -- श्रीओम प्रकाश बंसल ,श्रीमति सरोज बंसल पति -- श्री प्रदीप गोयल .... सफल व्यवसायी जन्म स्थान - सहारनपुर .....यू.पी. शिक्षा- बी .ऐ. आई .टी .आई. कटिंग &टेलरिंग निवास स्थान यमुनानगर (हरियाणा) रुचि-- विविध पुस्तकें पढने में रुचि,संगीत सुनना,गुनगुनाना, गज़ल पढना एंव लिखना पति व परिवार से सन्तुष्ट सरल ह्रदय ...आत्म निर्भर