गीतिका
सुन्दर सलौने श्याम,करुणाकार तुम ही हो
तुम ही अमिट एक नाम,जगदाधार तुम ही हो ।।
धड़कन तुम्ही से चलती है,साँसे तुम्हारी दी हुयी
निष्प्राण मेरे प्राणों का संचार तुम ही हो ।।
कब तक भँवर टकरायेगी,नैया तुम्हारे हाथ है
तुम ही खिवैया हो बने ,मँझधार तुम ही हो ।।
तुम कमल नयन अभिराम हो ,तुम दिव्य ज्योति श्याम हो
ह्रदय के भीतर बस रहे साकार तुम ही हो ।।
आना न आना तो समर्थ की इच्छा पर निर्भर सदा
बस भाव चरणों में रहे ,करतार तुम ही हो ।।
मेरी लगन तुम से है लगी,विनती सुनो प्रभु पातकी
नयनों से अविरल बहे,अश्रुधार तुम ही हो ।।
मैं तुममें खो जाऊँ सुनो,या तुमको पा जा कहो
तुम ही मेरा परिवार हो,संसार तुम ही हो ।।
रीना गोयल ( हरियाणा)