कविता

अलविदा 2018

पल पल बीत गया
इस वर्ष को
सहेज कर यादों में ।
नव वर्ष का
हदय से करे स्वागत
महकती सी कल की
नई भोर में ।
बना हौसलों की नई
उङान बह चलें समीरमय
समय की धारा में ।
फिर एक बार
कालचक्र की
अनजानी राह पर
थाम नई उम्मीदों की डोर में।
शुरू करें एक
नया सफ़र एक
बार फिर से
नव वर्ष की ओर चलने में……
— शालू मिश्रा
नोहर (हनुमानगढ़)

शालू मिश्रा नोहर

पुत्री श्री विद्याधर मिश्रा लेखिका/अध्यापिका रा.बा.उ.प्रा.वि. गाँव- सराणा, आहोर (जिला-जालोर) मोबाइल- 9024370954 ईमेल - [email protected]