गजल
नैन राहों पे बिछाये रखना !
ख्वाब पलकों पे सजाये रखना !
नींद की भीड़ में न खो जाये ,
ख्वाब को उँगली थमाये रखना !
झूठ कितनी भी कोशिशें कर ले,
सच को सीने में छुपाये रखना !
वक्त की आँधियाँ तो आयेंगी,
याद की लौ को जलाये रखना !
दिल कहाँ सबसे मेल खाता है,
हाथ से हाथ मिलाये रखना !
टूट जायेंगी एक दिन साँसें,
सिलसिला यूँ ही बनाये रखना !
© डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी