नया वर्ष स्पेशल
कुछ दिन और नहीं कटते अब
नये साल के आगमन पर
खुशियों के उतप्लावन पल का
स्वागत है फूलों के चमन पर
खेतों में लहरी हरियारी
बगिया में सब्जी की क्यारी
सन अठारह गया आज कल
अब उन्नीस की आयी बारी
ठंडी शीतल चली बयारे
उसमें कोहरे की रफ्तारे
इस ठंडक की ही सिहरन में
नया वर्ष की आयी बहारे
मन को अब सारी दुविधा से
स्वतंत्र करेंगे नये साल में
दृढ़ संकल्प नयापन आता
हर साल के इसी काल में