कविता – मेरी प्यारी भाभी
मुश्किल भरे लम्हों में भी जो हमेशा साथ निभाती है।
गलती होने पर भी हल्के से मुस्कुरा के जाती है ।
नादान भले हो पर मुझको प्यार से समझाती है ।
मोहब्बत बिखेरे हम सबको वो बहुत लुभाती है।
फूलों की वादियों सी बनकर घर को अपने महकाती है ।
नणद न समझ कर एक सहेली सा एहसास कराती है ।
वर्षो का हो जैसे उनसे नाता ऐसी इनायत दिलाती जाती है।
ऐसी भाभी को पाकर के खुशनसीबी की बात याद आ जाती है ।
— शालू मिश्रा