कविता

मन को मन्दिर बना लो

राम मन्दिर मन को बना लो
सब फसाद मिट जाएंगे
काम क्रोध मद लोभ
ये विकार छोड़ दो
मन मन्दिर बन जायेगा
आदमी से आदमी जुड़ेगा
प्रीत के धागों से बंध जाएगा
न जाति न धर्म के झगड़े
न मजहबी फसाद होगा
अमन से रहेंगे वतन में सभी
भाईचारे की देश मिसाल होगा
मन्दिर की घण्टी शंखनाद
मस्जिद की अजान गूंजेगी
ॐ का जप होगा राम राम होगा
अल्लाह की गूंज गूंजेगी
कहीं रामायण की चोपाई
कहीं गीता के श्लोक सुनाई देंगे
तो कहीं कुरान की आयतें सुनाई देगी
भारत की कोमी एकता
सारे जहां में पहचान बनेगी
हिन्दू मुस्लिम एकता की
फिर से मिसाल कायम हो
मेरा हिंदुस्तान फिर से
ऐसा बन जाए
गाँधी कलाम के सपने पूरे हो जाये
इंसान से बस इंसान मिल जाए
एक लहू अपना
आजादी की लड़ाई में
हम सब साथ थे
अब क्या बदला जो
हम भाई भाई भिन्न भिन्न है
आओ एकता के तराने गाएं
आओ हम एक हो जाएं

— कवि राजेश पुरोहित
भवानीमंडी

डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित

पिता का नाम - शिवनारायण शर्मा माता का नाम - चंद्रकला शर्मा जीवन संगिनी - अनिता शर्मा जन्म तिथि - 5 सितम्बर 1970 शिक्षा - एम ए हिंदी सम्प्रति अध्यापक रा उ मा वि सुलिया प्रकाशित कृतियां 1. आशीर्वाद 2. अभिलाषा 3. काव्यधारा सम्पादित काव्य संकलन राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में सतत लेखन प्रकाशन सम्मान - 4 दर्ज़न से अधिक साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित अन्य रुचि - शाकाहार जीवदया नशामुक्ति हेतु प्रचार प्रसार पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य किया संपर्क:- 98 पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान पिन 326502 मोबाइल 7073318074 Email [email protected]