मुक्तक/दोहा

ले लो बदला,अब कायर से

कौन कलाई तेरी इतनी मजबूती से है पकड़ रहा,
कौन है तुझको अमर बेल सा अपने अंदर जकड़ रहा ।
पुलवामा की घटना से हर बच्चा बच्चा विचलित है,
ले लो बदला अब कायर से जो पाक मे बैठा अकड़ रहा।।

बना लूं उनके पैरों की रज अपने माथे का चंदन ।

हर शहीद को नमन है मेरा और हर मां को है वन्दन ।।

— शोभा सचान

शोभा सचान

कवयित्री दिल्ली। [email protected]